Pradushan Ki Samasya – Hindi Nibandh
यह कोई नई बात नहीं है कि मनुष्य ने हमेशा, किसी न किसी तरीके से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने पेड़ों को काट दिया, जानवरों शिकार किया, पालतू पशुओं को चराने के लिए जंगलों को नुकसान पहुँचाया । अब प्रदूषण की समस्या इस हद तक पहुंच गई है कि सृष्टि के अस्तित्व को ख़तरा पैदा हो गया है। मनुष्य ही पूर्णतयः इन सबका जिम्मेवार है ।
हर दिन पर्यावरण की स्थिति बद से बदतर हो रही है। मनुष्य पृथ्वी को इतना प्रदूषित क्यों करता जा रहा है ? कारख़ानों , परमाणु ऊर्जा संयंत्र, औद्योगिक उद्यम से विसर्जित तरल, रासायनिक अपशिष्ट नदियों और झीलों में विसर्जित किए जा रहे हैं | कारखाने और सयंत्र हवा में धुऐं और ज़हरीली गैसों की भारी मात्रा में उत्सर्जित करते हैं। वनों की कटाई और खनन, गैस और तेल पंपिंग पूरी तरह से चालू है। यह सूची अंतहीन है। मेरी राय में, मानव के लालच और लापरवाही की कोई सीमा नहीं रह गई है।
पूरे विश्व में काफी सरे लोग प्रदूषण की समस्या से ग्रस्त हैं। पर्यावरण की यह विकट स्थिति हमारे स्वास्थ्य को बुरी तरीके से प्रभावित कर रही है। कैंसर, अस्थमा, एलर्जी, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अन्य प्रदुषण सम्बन्धी बीमारियों से ग्रषित लोगों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। ये सब गंदी हवा में सांस लेने और प्रदूषित भोजन खाये जाने का परिणाम है।
वैज्ञानिकों ने अनुसार मानव गतिविधियों के कारण ओजोन गैस की परत की पतली होती जा रही है। ओजोन गैस हमारे ग्रह को हानीकारक सौर विकिरण के प्रभाव से बचाता है।
जो कुछ भी हो रहा है वह हम में से प्रत्येक को प्रभावित करता है। सौभाग्य से, इस समय, विभिन्न स्वयंसेवक दलों और पर्यावरण संरक्षण कंपनियों का अच्छी तरह विकास हो रहा है। बेशक, वे पूरे ग्रह को नहीं बचा सकते हैं, लेकिन कम से कम वे अभी भी इसे बेहतर और साफ करने की कोशिश तो कर रहे हैं ।
मुझे लगता है कि अगर हम में से प्रत्येक मनुष्य अगर पर्यावरण के बारे में सोचना शुरू कर दे तो जल्द ही ये धरती पहले के जैसे जल्द ही सुन्दर और ख़ुशहाल हो जाएगी ।